2022 के सरस्वती सम्मान, व्यास सम्मान और बिहारी पुरस्कार विजेता

 

भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति केके बिरला(कृष्ण कुमार बिरला) ने के के बिरला फाउंडेशन की स्थापना की थी। इस फाउंडेशन का उद्देश्य संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं के साहित्य को बढ़ावा देना है।

केके बिरला फाउंडेशन द्वारा प्रतिवर्ष तीन साहित्यिक पुरस्कार दिए जाते हैं।

  1. सरस्वती सम्मान
  2. व्यास सम्मान
  3. बिहारी पुरस्कार

 

सरस्वती सम्मान

के के बिरला फाउंडेशन द्वारा दिए जाने वाले  तीनों पुरस्कारों में सर्वोच्च पुरस्कार सरस्वती सम्मान है, जो भारत के आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं के साहित्यकार को को उनकी कृति के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार विगत 10 वर्षों में प्रकाशित पुस्तकों के लिए उनके लेखकों/साहित्यकारों को दिया जाता है। इस पुरस्कार के अंतर्गत 15 लाख रुपए प्रशस्ति पत्र प्रतीक चिन्ह और शॉल सम्मान के रूप में दिया जाता है। सरस्वती सम्मान की शुरुआत वर्ष 1991 में हुई थी। पहला सरस्वती सम्मान हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन को उनकी आत्मकथा के लिए दिया गया था। वर्ष 2022 का 32वा सरस्वती सम्मान तमिल लेखिका शिवशंकरी को उनकी पुस्तक सूर्यवंशम के लिए दिया गया है।   वर्ष 2021 में  31वां  सरस्वती सम्मान प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार प्रोफेसर राम दरश मिश्रा को दिया गया है। राम राम दरस मिश्रा एक मराठी उपन्यासकार है जिनकी कविता संग्रह मैं तो यहां हूं के लिए उन्हें सरस्वती सम्मान 2021 से सम्मानित किया गया है।

वर्ष 2020 में यह सम्मान मराठी लेखक डॉक्टर शरण कुमार लिंबाले को दिया गया है। उन्हें यह सरस्वती सम्मान उनके मराठी उपन्यास ‘ सनातन ‘ के लिए दिया गया है। वर्ष 2019 में 29 वा सरस्वती सम्मान पुरस्कार सिंधी भाषा के प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार वासुदेव मोदी को 2012 में प्रकाशित उनकी लघु कथा ‘चेक बुक’ के लिए दिया गया था।

पिछले कुछ वर्षों के सरस्वती सम्मान

2020 डा. शरण कुमार लिंबाले सनातन(उपन्यास), मराठी

2019 वासदेव मोही चेकबुक (लघुकथा संग्रह) सिंधी

2018 के. शिवा रेड्डी पक्ककी ओटिटगिलीते (कविता संग्रह) तेलगु

2017 सीतांशु यशचंद्र वाखर(कविता संग्रह) गुजराती

व्यास सम्मान

व्यास सम्मान की शुरुआत 1991 में हुई थी। भारत में ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद यह तीसरा सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मान है। इस पुरस्कार के अंतर्गत ₹4 लाख, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। यह पुरस्कार किसी भारतीय साहित्यकार को पिछले 10 वर्षों में प्रकाशित उनकी उत्कृष्ट साहित्यिक कृति के लिए दिया जाता है। पहला व्यास सम्मान 1991 में प्रोफेसर रामविलास शर्मा को उनकी कृति ‘भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिंदी ‘ के लिए दिया गया था। 2022 का व्यास पुरस्कार मशहूर साहित्यकार ज्ञान चतुर्वेदी को उनकी कृति पागलखाना के लिए दिया गया है।

2021 का 31 वा व्यास सम्मान असगर वजाहत को उनकी पुस्तक महाबली के लिए दिया गया है।

वर्ष 2020 में यह पुरस्कार प्रोफेसर शरद पगारे को 2010 में प्रकाशित उनके इतिहासिक उपन्यास ‘पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी ‘ की के लिए दिया गया था। इसकी घोषणा 24 मार्च 2021 को की गई। 2019 में 29वा व्यास सम्मान नासिरा शर्मा को उनके उपन्यास कागज की नाव के लिए दिया गया था जो 2014 में प्रकाशित हुई थी।

 

बिहारी पुरस्कार

बिहारी पुरस्कार की स्थापना 1991 में हुई थी। यह पुरस्कार कवि बिहारी लाल के नाम पर दिया जाता है। बिहारी पुरस्कार केवल राजस्थान के साहित्यकारों को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के तहत ₹2.5 लाख की राशि प्रतीक चिन्ह एवं प्रसारित पत्र दिया जाता है। बिहारी पुरस्कार पिछले 10 वर्षों में हिंदी राजस्थानी में प्रकाशित किसी उत्कृष्ट रचना के लिए साहित्यकारों को दिया जाता है। 2021 का बिहारी पुरस्कार 2021 मधु कांकरिया को उनकी पुस्तक ‘ हम यहां थे’ के लिए दिया गया है। वर्ष 2020 में 30वाँ बिहारी पुरस्कार राजस्थान के हिंदी साहित्यकार श्री मोहन कृष्ण बोहरा को 2016 में प्रकाशित उनकी कृति तसलीमा संघर्ष और साहित्य के लिए दिया गया है।

परीक्षा  से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

2022 का व्यास सम्मान किसे मिला है।

ज्ञान चतुर्वेदी को (पागलखाना उपन्यास के लिए)

2022 का 32वाँ सरस्वती सम्मान किसे मिला है।

उत्तर 2022 का सरस्वती सम्मान तमिल लेखिका शिवशंकरी जी को उनकी पुस्तक सूर्यवंशम के लिए दिया गया है।

2022 का बिहारी पुरस्कार किसे मिला है।

2022 का बिहारी पुरस्कार माधव हाडा को पच रंग चोला पहल सखी री पुस्तक के लिए दिया गया है।

व्यास सम्मान’ की स्थापना किस वर्ष हुई थी?

1991

व्यास सम्मान कितने भाषा में दिया जाता है?

भारतीय साहित्यकार को हिंदी भाषा में उनके उत्कृष्ट कृति के लिए दिया जाता है।

𝒬व्यास सम्मान पुरस्कार की स्थापना कब की गई थी?

1991

𝒬. व्यास सम्मान पुरस्कार राशि कितनी होती है?

4 लाख